लेकर के पिचकारी कान्हा क्यों मेरे पीछे पड़गा। खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।
डालूं रंग भी करूंगा तंग भी बचकर तुम जाओगे कहां। मेरे ही क्यों पीछे पड़े हो और गुजरी भी है यहां। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मुझको रंग लगाने का क्यों भूत तुम्हारे सर चढगा।खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।
लेकर के पिचकारी कान्हा क्यों मेरे पीछे पड़गा। खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।
और किसी के साथ ओ राधे होली खेली जाए ना। मुझ पर रंग चढ़ा है तुम्हारा लाल गुलाबी भाये ना। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चढ़ता ना कोई और रंग उसे श्याम रंग जिस पर चढ़गा।खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।
लेकर के पिचकारी कान्हा क्यों मेरे पीछे पड़गा। खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।
आज नहीं मानूंगा राधे कितना भी कर लेना ना। क्यों करते हो बरजोरी फिर प्रेम से खेलो ना कान्हा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 राधेश्याम की प्रेम की होली इतिहास कोई गढ़ जा।खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।
लेकर के पिचकारी कान्हा क्यों मेरे पीछे पड़गा। खेलूंगा मैं होली राधे फागण का मेरे रंग चढ़गा।