देखूं जितना तुझे ओ मेरे सांवरे। तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।
जब से औ श्याम तुझे मन में बसाया है। जो भी चाहा वही तेरी कृपा से पाया है। मेरे मन की सुनी ओ मेरे सांवरे।तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।
देखूं जितना तुझे ओ मेरे सांवरे। तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।
जहां तुम वहां तो मझधार ही किनारा है। कोई नहीं श्याम तू ही हारे का सहारा है।सबका अपना बनाया मेरे सांवरे।तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।
देखूं जितना तुझे ओ मेरे सांवरे। तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।
जिसको भरोसा तेरा जिसके मन में आश है।जाए कहीं क्यों वो मन में विश्वास है। पूजूं तुझको में हरदम सांवरे।तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।
देखूं जितना तुझे ओ मेरे सांवरे। तु तो अपना सा लागे मेरे सांवरे।