तर्ज – मेरा दिल भी कितना पागल
मेरा बाबा कितना प्यारा है, ये प्यार तो हमसे करता है। झोली खुशियों से हम सबकी, झोली खुशियों से हम सबकी, मेरा श्याम दयालु भरता है।
ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा, ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा।।
तेरी ग्यारस जब जब आती है, मुझे तेरी याद सताती है। तेरी ग्यारस जब जब आती है, मुझे तेरी याद सताती है।तेरे दर्शन करने को बाबा,खाटू नगरी बुलाती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा, ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा।
मेरा बाबा कितना प्यारा है, ये प्यार तो हमसे करता है। झोली खुशियों से हम सबकी, झोली खुशियों से हम सबकी, मेरा श्याम दयालु भरता है।
जब भी मैं खाटू आता हूँ, झोली भर कर ले जाता हूँ। जब भी मैं खाटू आता हूँ, झोली भर कर ले जाता हूँ। नादान हूँ मैं तेरा बालक हूँ, तेरे जोर पर मैं इतराता हूँ।
ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा, ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा ।।
मेरा बाबा कितना प्यारा है, ये प्यार तो हमसे करता है। झोली खुशियों से हम सबकी, झोली खुशियों से हम सबकी, मेरा श्याम दयालु भरता है।