तर्ज, श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे
खाटू वाले का है आज जमाना, जिसे देखो वही श्याम दीवाना। सरकार श्याम का क्या कहना, क्या कहना।
सरकार का जलवा देखो सरकार का रुतबा देखो। होता है गली-गली में मेरे श्याम का चर्चा देखो। बाबा सेठ है कमाल, राखे सब का हिसाब, दिलदार श्याम का क्या कहना, क्या कहना।
खाटू वाले का है आज जमाना, जिसे देखो वही श्याम दीवाना। सरकार श्याम का क्या कहना, क्या कहना।
उस दर की शान निराली जहां कुके कोयल काली। दरबार श्याम के लाखों आते हैं रोज सवाली। हर गम की दवा मिल जाती है यहां। दरबार श्याम का क्या कहना, क्या कहना।
खाटू वाले का है आज जमाना, जिसे देखो वही श्याम दीवाना। सरकार श्याम का क्या कहना, क्या कहना।
यह साथ निभाने वाला यह भाग्य बनाने वाला। गर द्वार पर कोई रोया तो है ये ही हंसाने वाला। भक्तों गा बाबा के गीत, ऐसा है ना कोई मीत। अजी प्यार श्याम का क्या कहना क्या कहना।
खाटू वाले का है आज जमाना, जिसे देखो वही श्याम दीवाना। सरकार श्याम का क्या कहना, क्या कहना।