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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Ek choti si kutiya me Mane dikhe bholenath raat supne me,एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे,shiv bhajan

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

उसके गले में सर्प विराजे। वह तो डमरू की ताल पर नाच रहा,रात सुपने मे।

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

उसके संग भक्ता की टोली। वह तो नंदी पर असवार,रात सुपने मे।

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

उसके संग में गोरा विराजे। गोदी में गणपत लाल, रात सुपने मे।

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

मैं हाथ पकड़ के ठाई।में कर दी मालामाल, रात सुपने मे।

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

हड़ताल की तान सुना दे। मेरे सिर पर धर दिया हाथ, रात सुपने मे।

एक छोटी सी कुटिया में, मने दिखे भोलेनाथ रात सुपने मे।

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