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श्याम भजन लिरिक्स

Dharam karam me laga janam kyo bhatke ret me,धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत में,shyam bhajan

धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत में,

धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत में,
मेरा श्याम धनि मिट जावे से भगता के हेत में,

रुके से भी रुक न पावे नंगे पग आ जावे से,
भक्ता की खातिर की से की कर जावे से,
पल पल की यु खबर रखे रेहवे है चेत में,
मेरो श्याम धणी बिक जावै से भगता के हेत में,

धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत में,
मेरा श्याम धनि मिट जावे से भगता के हेत में,

भूल चूक की माफ़ी देवे जी भर के एहने प्यार करे,
मजधारा में अटकी नैया मन माझी यो पार करे,
सांवरिया से कह दे दिल की जो हॉवे ठेठ में,
मेरो श्याम धणी बिक जावै सै भगता के हेत में,

धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत में,
मेरा श्याम धनि मिट जावे से भगता के हेत में,

सांवरिया ने सौंप दे चिंता काहे को तू रो रेया से,
दुनिया की इस चखा चौंक में क्यों तू मोहित खो रहा से,
खुश हो जावे इक पल में आंसू की हेठ में,
मेरो श्याम धणी बिक जावै सै स भगता के हेत में,

धर्म कर्म में लगा जन्म क्यों भटके रेत में,
मेरा श्याम धनि मिट जावे से भगता के हेत में,

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