श्याम सलोने है बनवारी, सूरत जिनकी प्यारी-प्यारी। कहते हैं सब जिन्हें शीश के दानी। मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।दीवानी मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।
श्याम धनी खाटू दातार करता सब का बेड़ा पार।
जो दयावान दाता है दानी,मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।दीवानी मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।
श्याम धनी खाटू राजन, देते हैं जब यह दर्शन। देखकर उनकी प्यारी छवि हो जाते हैं सभी मगन। झूमे क्यों ना श्याम जी के भक्तों का मन। मुखड़ा उनका भोला भाला, सबके मन को भाने वाला। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺प्यारी सूरत है जिनकी निराली। मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।दीवानी मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।
सर पर जिनके मोर मुकुट हाथ में जिनके मोर छड़ी। मेरे दिल को ए लोगों, है उनसे ही लगन लगी। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺खाटू वाले श्याम की मैं जोगन बनी। रहती है हरदम यह दासी, इनके दर्शन की अभिलाशी। सेविका उनकी हूं मे पुरानी।मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।दीवानी मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।
अपना उन्हें बनाया है दिल में उनको बसाया है। श्याम पर अपना तन मन धन, सब कुछ मैंने लुटाया है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 श्याम का करम तब जाकर मैंने पाया है। करती हूं श्री श्याम की भक्ति, श्याम के नाम ही मैंने लिख दी। दासी ने अपनी यह जिंदगानी। मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।दीवानी मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।
श्याम सलोने है बनवारी, सूरत जिनकी प्यारी-प्यारी। कहते हैं सब जिन्हें शीश के दानी। मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।दीवानी मैं उन्हीं श्याम की हूं दीवानी।