मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा। दुखड़ा यूं ही रो रो कर, दुखड़ा यूं ही रो रो कर बाबाजी, श्याम तुमको सुनाऊंगा।मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा।
अपनों का सताया हूं जग् का ठुकराया हूं। बड़ी आस लिए मन में दर पर तेरे आया हूं। तुमने भी ठुकराया बाबा जी मैं तो मर जाऊंगा।
मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा। दुखड़ा यूं ही रो रो कर, दुखड़ा यूं ही रो रो कर बाबाजी, श्याम तुमको सुनाऊंगा।मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा।
दर्शन जो दिए तूने ऐ मोर छड़ी वाले। छा जाएंगे नैनों में उजीयाले ही उजियाले। एक बार नहीं सौ बार मैं शीश नवा लूंगा।
मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा। दुखड़ा यूं ही रो रो कर, दुखड़ा यूं ही रो रो कर बाबाजी, श्याम तुमको सुनाऊंगा।मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा।
ऐसे ही रहेंगे नैना ऐ मेरे श्याम धनी। चैन ना आये हमको रोते रहेंगे यूं ही। दर्शन तेरे ये ठाकुर जब तक मैं ना पाऊंगा।
मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा। दुखड़ा यूं ही रो रो कर, दुखड़ा यूं ही रो रो कर बाबाजी, श्याम तुमको सुनाऊंगा।मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा।
ले ली है शरण तेरी श्याम जी मैंने भी। अब उठ के यहां से मैं जाऊंगा ना श्याम धनी। अब तेरे ही चरणों में जीवन में बिताऊंगा।
मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा। दुखड़ा यूं ही रो रो कर, दुखड़ा यूं ही रो रो कर बाबाजी, श्याम तुमको सुनाऊंगा।मैं छोड़कर दर तेरा कहीं और न जाऊंगा।