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श्याम भजन लिरिक्स

Chandan ko chidkaw keshar chandan ko chidkaw,हो रयो बाबा की नगरी में,केसर चंदन को छिड़काव,shyam bhajan

हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

चंदन को छिड़काव,
केसर चंदन को छिड़काव,
चंदन को छिड़काव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।
चंदन को छिड़काव,
केसर चंदन को छिड़काव,
चंदन को छिड़काव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

वाह रे वाह फागण अलबेला,
श्याम धणी का भरता मेला,
वायु मंडल भया सुनहरा,
चाकरियों हूँ श्याम शरण को,
मन में मौटो चाव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

मंदरिए में डम्बर फूट्यों,
रुंह गुलाब को झरनों छुट्यों,
प्रीत करि सोही जस लुट्यों,
बढ भागी मे हुयो अनूठों,
दाता को दरसाव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

महकण लाग्यो देश ढूँढारो,
खोल दियो बाबो भंडारो,
सफल होग्यो मिनख जमारों,
मैंने यो दिल से सिंगारयो,
जैसे भयो लगाव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

श्याम बहादुर शिव फरियादी,
श्याम नाम की नींव लगा दी,
मन मंदिर में ज्योत जगा दी,
एक झलक अपनी दर्षादी,
मिला ह्रदय का भाव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

चंदन को छिड़काव,
केसर चंदन को छिड़काव,
चंदन को छिड़काव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।
चंदन को छिड़काव,
केसर चंदन को छिड़काव,
चंदन को छिड़काव,
हो रयो बाबा की नगरी में,
केसर चंदन को छिड़काव।

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