पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
इस दुनिया में दो ही बड़े हैं।
पहले पिता दूजी मात मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
मात मेरी ने जन्म दिया है,पिता ने ढूंढा घर बार
मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
इस दुनिया में दो ही बड़े हैं,पहले ससुर दूजी सांस,मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
ससुर हमारे बिहा कर लाए,सासु ने सौंपा घर बार,मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
इस दुनिया में दो ही बड़े हैं,पहले कर्म दूजे भोग
मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
कर्म हमारे साथ चलेगा,भोग दिला वे बीती याद,
मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
इस दुनिया में दो ही बड़े हैं,पहले वीर दूजे आप,
मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
बीरन हमारे भात भरेंगे,आप लगाने बेड़ा पार,मेरी तो सागर में पड़ी नैया।पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।
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Paar lagao bholenath meri to Sagar me padi naiya,पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया,shiv bhajan
पार लगाओ भोले नाथ मेरी तो सागर में पड़ी नैया।