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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Chali shankar ki baratiya Himachal nagari,चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगरी,shiv bhajan

चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगरी

चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगरी।


बूढ़े बैल पे शिव जी बैठे गले मुंड की माला , सारे अंग भभूति लगाये गले नाग है काला , काली ओढ़े हैं कमरिया हिमाचल नगरी।चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगरी।


पुरवासी सब देखन लागे कैसे हैं बाराती , भूत प्रेत और देव श्रषि मुनि संग में हैं बाराती , कैसी दूल्हा की सुरतिया हिमाचल नगरी। चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगर


मैनावती आरती लेकर परछन करने आईं , शिवशंकर का रूप देखकर मन ही मन घबड़ाईं , गिर गई हाथों से आरतिया, हिमाचल नगरी। चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगरी।


शिव के जैसा और न कोई नारद ने समझाया , तब गौरा और शंकर का खुश होके ब्याह रचाया, पड़ गईं पड़ गईं रे भांवरिया हिमाचल नगरी। चली शंकर की बरतिया हिमाचल नगरी।

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