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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole shiv shankar to kan kan me samaye hai,भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं,shiv bhajan

भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं।

तर्ज, श्याम तुझसे मिलने का सत्संग ही बहाना है

भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं। इसीलिए तो शिवजी निराकार कहलाए हैं।

कैलाश पर्वत पर शिवजी विराजे हैं।इसीलिए तो शिवजी कैलाशपति कहलाए हैं।

भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं। इसीलिए तो शिवजी निराकार कहलाए हैं।

देवों के देव महादेव तीनों लोकों के स्वामी हैं। इसीलिए तो शिवजी सर्वेश्वर कहलाए हैं।

भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं। इसीलिए तो शिवजी निराकार कहलाए हैं।

लोकहित के कारण शिव ने हलाहल पी लिया। विष का प्याला पी कर नीलकंठ कहलाए हैं।

भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं। इसीलिए तो शिवजी निराकार कहलाए हैं।

कालों के काल महादेव महाकाल कहलाए हैं। सुखकर्ता दुखहर्ता जग पालन करता कहलाए है।

भोले शिव शंकर तो कण कण में समाए हैं। इसीलिए तो शिवजी निराकार कहलाए हैं।

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