तर्ज,कभी खुशी कभी गम
मैंने सब कुछ तुम ही से है पाया, मुझे पत्थर से पारस बनाया।मुझे दिखलाया खुशियों का दर्पण। मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।
मेरी जिंदगी की काजल सी काली। तूने बना दी उसको रोशन दिवाली।नाम को शान दी,मुझको पहचान दी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 अपनी खुशबू से महकाया जीवन।मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।
मैंने सब कुछ तुम ही से है पाया, मुझे पत्थर से पारस बनाया।मुझे दिखलाया खुशियों का दर्पण। मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।
जलती सी जिंदगी को शीतल बनाया।कांटों सी चुभ रही थी मखमल बनाया।मेरा सबकुछ तूं ही,मुझको रखना यूं ही।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तेरी कृपा कभी भी ना हो कम। मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।
मैंने सब कुछ तुम ही से है पाया, मुझे पत्थर से पारस बनाया।मुझे दिखलाया खुशियों का दर्पण। मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।
तेरी ही सेवा में जीवन बिताऊं,एहसान में बाबा नहीं भूल पाऊं।मुझको ये आश है, तूं अगर पास है।तो सुहाना है हर एक मौसम।🌺🌺🌺🌺मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।
मैंने सब कुछ तुम ही से है पाया, मुझे पत्थर से पारस बनाया।मुझे दिखलाया खुशियों का दर्पण। मेरा हर एक जनम, प्रभु तुझ पे अर्पण।करूं सेवा तेरी गाऊ तेरे भजन।