मोपे जबरन, हाँ हाँ मोपे जबरन रंग दियो डार, जसोदा तेरे लाला ने।
हरो रंग दीनो मोपे डार,
गुलाबी पियरो और गुलनार,
विशाखा की दई चुनरी फार।चुनरी रख दई फार के, हाँ हाँ नन्दकिशोर।मोपे जबरन, हाँ हाँ मोपे जबरन रंग दियो डार, जसोदा तेरे लाला ने।
जब मैं पकड़न को गई, मेरी दीनी बाँह मरोर।सखी री मोरा तोड़ दिया गल हार, यशोदा तेरे लाला ने।
सुनेगी जो न जसोदा माय,
कहूँगी कंस राजा से जाये।तुरत वाको लेगो पकर बुलाय,
बुलवा लेगो बाँध के, सब मालूम पड़ जाय,
मार पड़ै जब लट्ठ की, सब शेख़ी झड जाय,
टूट जाय बंसी मोरपखाय, यशोदा तेरे लाला की।
मोपे जबरन, हाँ हाँ मोपे जबरन रंग दियो डार, जसोदा तेरे लाला ने।