मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
मैं बेटी वृषभान बाबा की, और तुम,
और तुम हो नन्द के ढोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
मुझको तो लाज बड़े कुल-घर की, और तुम,
और तुम में बड़े-बड़े खोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
पहली चोट बचाय गई कान्हा, अरे कर,
अरे कर नैनन की ओट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
दूजी चोट बचाय गई कान्हा, अरे कर,
अरे कर घूँघट की ओट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
तीजी चोट बचाय गई कान्हा, अरे कर,
अरे कर लहँगा की ओट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
नन्दकिशोर वहीं जाय खेलो, जहाँ मिले,
जहाँ मिले तुम्हारी जोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।
मत मारे दृगन की चोट ओ रसिया, होली में मेरे लग जाएगी।