कहाँ जाएगा रसिया भाज
हाँ भाज…बदलो ले लूँगी होरी में।
अरे बदलो ले लूँगी होरी में,
होरी का तोहे बड़ा चाव
कहाँ जाएगा रसिया भाज
हाँ भाज…बदलो ले लूँगी होरी में,
तू सुनले मेरे साँवरिया
यहाँ धर दे मुकुट और कांवरिया
छलबलिया धोकेबाज
बदलो ले लूँगी होरी में,
नित ब्रिज गोपीन को छेड़त हो
मोसे अटपाती बानी बोलत हो
तोहे नेक ना आवे लाज
बदलो ले लूँगी होरी में,
होरी का तोहे बड़ा चाव
बड़ा चाव…
बदलो ले लूँगी होरी में,
फस गायेओ आज जनाने में
तेरी नाई चलेगी बरसाने में
यहाँ श्यामा जी को राज
बदलो ले लूँगी होरी में,
होरी का तोहे बड़ा चाव
बड़ा चाव…
बदलो ले लूँगी
होरी में,
तेरे शीश चुनरिया धारेंगी
नैनन में अंजन बारेंगी
तेरे मारूंगी गुलचा गाल
बदलो ले लूँगी होरी में,
होरी का तोहे बड़ा चाव
बड़ा चाव…
बदलो ले लूँगी होरी में,
तेरी मात यशोदा आवेगी
होरी को फगुआ लावेगी
या ब्रज को यही रिवाज़
बदलो ले लूँगी होरी में,
होरी का तोहे बड़ा चाव
बड़ा चाव…
बदलो ले लूँगी होरी में,
अब क्यों दुबक रहियो रे लहंगा में
निकल मेरी सारी पे रंग डार
बदलो ले लूँगी होरी में,
होरी का तोहे बड़ा चाव
बड़ा चाव…
बदलो ले लूँगी होरी में,