होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
कोरे-कोरे कलश मँगाओ, केसर घोलो री
मुख पर इसके मलो, करो काले से गोरो री।होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
पास-पड़ोसन बुला, इसे आँगन में घेरो री
पीताम्बर लो छीन, इसे पहनाओ चोली री।होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
माथे पे बिंदिया, नैनों में काजल सालो री।नाक में नथनी और शीश पे चुनरी डालो री। होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
हरे बाँस की बाँसुरी इसकी तोड़-मरोड़ो री
ताली दे-दे इसे नचाओ अपनी ओरी री। होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
लोक-लाज मरजाद सबै फागुन में तोरो री,
नैकऊ दया न करिओ जो बन बैठे भोरो री। होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
चन्द्र्सखी यह करे वीनती और चिरौरी री।हा-हा खाय पड़े पइयाँ, तब इसको छोड़ो री, होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।
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होली खेलन आया श्याम, आज इसे रंग में बोरो री।