हरिद्वार में मने घुमाइए कद करूं ना टाला।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।
हरिद्वार जावन की गोरा बिलकुल कर दे टाला।तूं कावड़ियों संग नाचेगी मेरी हो जान का काला।
कावड़ियों संग सुन भोले फोटू भी खिचवाऊं में।कावड़िए खड़े होए होते गोरा ठीक बताऊं में।उड़े बम बम के जयकारे लागे पाटेगा जब जाला।।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।
हरिद्वार में मने घुमाइए कद करूं ना टाला।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।
भोले भाले भक्त तेरे ये सबने दिल ते चाव से।कोई भांग में कोई चिलम में सारे तकलीफ पावे से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सीधे सादे कावड़िए ना मन में रखते काला।।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।
हरिद्वार में मने घुमाइए कद करूं ना टाला।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।
हरिद्वार में कावड़ियों संग मिलके धूम मचाऊं में।हो नया कबाड़ा हो जागा देख गोरा क्यों घबराऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺भीमसेन भी पावेगा उड़े शहर भिवानी वाला।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।
हरिद्वार में मने घुमाइए कद करूं ना टाला।में कावड़ियों संग नाचूंगी सुन करके भेष निराला।