धोरा माहि राज करें हैं पूरण सबका काज करें हैं
पल-पल दिखावै चमत्कार, तो चलो रे राणी सती दादी के दरबार,
चालो रे चालो चालो झुंझुनू धाम रे राणी सती दादी के दरबार।
गुर्सामल घर जन्म लियों माँ भगतां को उद्धार कियों,
तंधन जी की बनके सुहागन सत् की जय-जयकार कियों,
सतियाँ की सिरमोर कूहाई, झुंझुनू में धाम बनाई
पल में करें माँ बेड़ापार।
तो चालो रे राणी सती दादी के दरबार,
चालो रे चालो चालो झुंझुनू धाम रे राणी सती दादी के दरबार।
भगती-भाव सु राजी होवे महिमा बड़ी निराली जी,
पल में सुने भगत की अर्जी दादी झुंझन वाली जी,
सुनो साथिरा आयो बुलावों, अब थे मत ना देर लगावो,लेकर के चालो परिवार, तो चालो रे राणी सती दादी के दरबार,
चालो रे चालो चालो झुंझुनू धाम रे राणी सती दादी के दरबार।
बनो विशाल दादी को मंदिर लाल ध्वजा लहरावें है,
संख नगाड़ा बजे मंजीरा जगमग ज्योत जगावै है,
माह भादुआ भरे है मेलों, भगतां को आवे है रेलो,होवे है जय-जयकार, तो चालो रे राणी सती दादी के दरबार,
चालो रे चालो चालो झुंझुनू धाम रे राणी सती दादी के दरबार।