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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bholenath sun meri baat ek kothi bangla chahu me,भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं,shiv bhajan

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं।

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं। महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

रे तीन लोक का मालिक भोले बता तेरे क्या टोटा से। या एक कमंडल एक कटोरा एक फुटा सा लोटा से। हां शर्दी गर्मी पहाड़ा के मां कैसे उमर बिताऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं। महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

रे ब्रह्माणी इंद्राणी लक्ष्मी बैठी मौज उड़ावे से। सब करमां की बात गोरा क्यों अपने लहू जलावे से। रे तेरे ते व्याह करवा ते में भूल ने अब पछताऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं। महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

हाय के जीने में जीना से मेरा भोला भंडारी। सदा टेम ना रहे एक सा,क्यों करती चिंता प्यारी।अरे गणपत और कार्तिक याने कुकर मन समझाऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं। महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

सारी दुनिया ने बांटे पर कुछ भी खुद के पास नहीं। सारी कसर मेट दूं गोरा के तने विश्वास नहीं। एक डिमांड या पूरी कर दे, खोली में ही समाऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं। महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 अरे भीमसेन पे कोठी का जद नक्शा तयार कराऊं में।महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

भोलेनाथ सुन मेरी बात एक कोठी बंगला चाहूं मैं। महंगाई के दौर में गोरा कोठी कठे से लाऊं में।

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