श्याम धणी आ जाना, मोरछड़ी लहराना,
श्याम धणी आ जाना मोरछड़ी लहराना,
भक्तों पे ये कैसी विपदा आन पड़ी,
हम सबका काल बानी संकट की घड़ी,
जब कोई अपनों की अर्थी उठाता है,
दिल पे पत्थर रख के बीती सुनाता है,
श्याम धणी आ जाना, मोरछड़ी लहराना,
श्याम धणी आ जाना मोरछड़ी लहराना।
ये कैसे दुर्दिन हैं आएं मंदिर सब वीरान पड़े,
सूनी गलियां और चौबारें सिर्फ यहाँ शमशान भरे,
हम सबपे संकट के बदल हैं छाये,
ना जाने कब किसकी बारी आ जाए,
अब किसी सुहागन की मांग ना उजड़े,
अब किसी बहना से कोई भाई ना बिछड़े,
श्याम धणी आ जाना, मोरछड़ी लहराना,
श्याम धणी आ जाना मोरछड़ी लहराना।
छोटे छोटे बच्चे भी शामिल हैं ग़म के मारों में,
बचपन जैसे कैद हो गया हो घर की दीवारों में,
ना जाने कितनो का घर ही उजाड़ गया,
हम सबके जीवन का पहिया ठहर गया,
निर्धनों का आकर कोई हाल तो पूछे,
सिर्फ आंसू पीकर सो जाते हैं भूखे,
श्याम धणी आ जाना, मोरछड़ी लहराना,
श्याम धणी आ जाना मोरछड़ी लहराना।
श्याम बिहारी लखदातारी आकर के दुःख दूर करो,
प्रलयंकारी इस महामारी का घमंड अब चूर करो,
ये कैसा मंज़र है देख के दिल रोये,
चिंताएं घेरे कड़ी कैसे कोई सोये,
आज श्याम निश्छल की लाज रख लेना,
गलतियां हमारी सब माफ़ कर देना,
श्याम धणी आ जाना, मोरछड़ी लहराना,
श्याम धणी आ जाना मोरछड़ी लहराना।
श्याम धणी आ जाना, मोरछड़ी लहराना,
श्याम धणी आ जाना मोरछड़ी लहराना,
भक्तों पे ये कैसी विपदा आन पड़ी,
हम सबका काल बानी संकट की घड़ी,