तर्ज – नज़र के सामने जिगर के पास
सजा है सांवरे दया का द्वार – 2 ,
छोड़कर के कहाँ जाएँ हम ,
सजा है सांवरे दया का द्वार – 2 ,
बंधन ए विश्वास का जो दाता तुमसे जोड़ा- 2 ,
तेरे भरोसे पर हमने अपना सबकुछ छोड़ा ,
हो ना जाना कहीं बाबा हमसे ख़फ़ा ,
सजा है सांवरे दया का द्वार – 2 ,
नैन सफल हो जाते हैं दर्शन मिलते तेरे – 2 ,
तन मन धन सब अर्पण हरपल शाम सबरे ,
तूने जिसको दिया उसका घर भर दिया ,
सजा है सांवरे दया का द्वार- 2 ,
जिसको जग ठुकराता है उसको तुम अपनाते ।
दीन दुःखी और निर्बल को अपने गले लगते,
ऐसा दाता कहीं मैंने देखा नहीं ,
सजा है सांवरे दया का द्वार- 2 ,
छोड़कर कहाँ जाएँ हम ,
सजा है सांवरे दया का द्वार – 4 ,
सजा है सांवरे दया का द्वार – 2 ,
छोड़कर के कहाँ जाएँ हम ,
सजा है सांवरे दया का द्वार – 2 ,