तर्ज, बाजे बाजे रे ढोला थारे नाम
मन में उठन लागी हूक, सांवरिये के नाम री,
आयो फागणियो रंगीलो, चाला खाटू नगरी …
बाजे ढोलक चंग नगाड़े, मन में खुशियाँ छा रही,
आयो फागणियो रंगीलो, चाला खाटू नगरी,
हाथों में निशान लेके, बोलके जयकारे,
श्याम के दीवाने जाते, श्याम को रिझाने ,
साथ में लेकर कुटुंब कबीले, आये नर और नारी,
आयो फागणियो रंगीलो, चाला खाटू नगरी ….
रुत मस्तानी लागे, अलबेले फॉग की,
चारों दिशाओं में खुशबु, उड़े श्याम नाम की,
बोले कोयल मोर पपीहा, बोली श्याम नाम री,
आयो फागणियो रंगीलो,चाला खाटू नगरी …..
रंग रंगीला खाटू, होता नीला पीला,
भर पिचकारी होली श्याम संग खेला,
सारे देवी देवता हरषे, देख छवि मतवाली,
आयो फागणियो रंगीलो,चाला खाटू नगरी …
भूल ना जाना घर जाके, अपने श्याम को,
अगले बरस फिर आना, खाटू धाम को,
प्रीत है पुरानी अपनी, दिल से निभाना,
कपिल इन्दोरिया के संग आना जाना,
सूरजगढ़ निशान के संग में, आवे दुनिया सारी ,
आयो फागणियो रंगीलो, चाला खाटू नगरी ,
आयो फागणियो रंगीलो, चाला खाटू
मन में उठन लागी हूक, सांवरिये के नाम री,
आयो फागणियो रंगीलो, चाला खाटू नगरी …