तुझे भूलना तो चाहा शिव संभो डमरू वाले। जितना भुलाना चाहा तुम उतना पास आए।तुझे भूलना तो चाहा शिव शंभू डमरू वाले।
सच्चे मन से तेरे नाम की माला वह जप रही थी। शिव शंभू की दीवानी जंगल में तप रही थी। उसको शरण लगा लो कर लो तेरे हवाले।तुझे भूलना तो चाहा शिव शंभू डमरू वाले।
तुझे भूलना तो चाहा शिव संभो डमरू वाले। जितना भुलाना चाहा तुम उतना पास आए।तुझे भूलना तो चाहा शिव शंभू डमरू वाले।
शिव शंभू भोले दानी वेदों के है वो दाता। बिगड़ी भी है बनाते सबके वो है विधाता। 🌺🌺🌺🌺जिस को गले लगाते है जग से वह निराले।तुझे भूलना तो चाहा शिव शंभू डमरू वाले।
तुझे भूलना तो चाहा शिव संभो डमरू वाले। जितना भुलाना चाहा तुम उतना पास आए।तुझे भूलना तो चाहा शिव शंभू डमरू वाले।