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मीरा बाई भजन लिरिक्स

Bhakti ke marag me meera pad gayi pad gayi,नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई,meera bhajan

नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

भक्ति के मार्ग में मीरा पड़ गई पड़ गई पड़ गई। नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

मैं दीवानी मोहन की, मैं मस्तानी मोहन की सिर मोर मुकुट छवि न्यारी, तिरछी चितवन मोहन की। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हृदय में मोहन की मूरत गड़ गई गड़ गई गड़ गई।नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

भक्ति के मार्ग में मीरा पड़ गई पड़ गई पड़ गई। नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

मेरे गिरधर गोपाला मेरो नटवर नंदलाला। मेरे नैनन को तारों अरे श्याम मुरलिया वारो। 🌺🌺कृष्ण की भक्ति मेरे नस-नस चढ़ गई चढ़ गई चढ़ गई।नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

भक्ति के मार्ग में मीरा पड़ गई पड़ गई पड़ गई। नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

मीरा वन वन में डोले और कृष्णा कृष्णा बोले। पैरों में बांध के घुंघरू वह छम छम करती डोले। हृदय में मोहन की मूरत गड़ गई गड़ गई गड़ गई।नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

भक्ति के मार्ग में मीरा पड़ गई पड़ गई पड़ गई। नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

जहरीला नाग मंगवायो, और विष का पान करवायो। नाग को हार बनयो है,और विष में श्याम समायो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कृष्ण की भक्ति मेरे नस-नस चढ़ गई चढ़ गई चढ़ गई।नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

भक्ति के मार्ग में मीरा पड़ गई पड़ गई पड़ गई। नजरिया श्याम से लड़ गई, नजरिया श्याम से लड़ गई।

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