तर्ज,तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम
तेरी गालिंयों में कब रखेगें कदम बाबा बोलो ज़रा ,
अपने भक्तों पे कब करोगे रहम बाबा बोलो ज़रा ,
ग्यारस का मिलना मिलाना हर पल याद करूँ ,
बिन दर्शन कहीं मर ना जाऊँ सोच के मैं तो डरूँ ,
तेरे रहते क्या छूट जायेगा दम बाबा बोलो ज़रा ,
तेरी गालिंयों में कब रखेगें कदम बाबा बोलो ज़रा ,
अपने भक्तों पे कब करोगे रहम बाबा बोलो ज़रा ,
तेरी गालिंयों में।
एक झलक फिरसे,
एक झलक फिरसे दिखाओ न अपनी बाबा ,
और नहीं कुछ तुम से मैं तो मांग रहा ज्यादा ,
बीत जायेगा मेरा सारा जनम बाबा बोलो ज़रा ,
तेरी गालिंयों में कब रखेगें कदम बाबा बोलो ज़रा,
अपने भक्तों पे कब करोगे रहम बाबा बोलो ज़रा ,
तेरी गालिंयों में …….. ,
माना गलती हो गयी है,
माना गलती हो गयी है अबतो क्षमा करो ,
श्याम कहे हारे हुए को बाँहों में भरो ,
हमने सुना है ये तेरा धरम बाबा बोलो ज़रा,
खाटू नगरी में कब रखेगें कदम बाबा बोलो ज़रा,
अपने भक्तों पे कब करोगे रहम बाबा बोलो ज़रा ,
बाबा बोलो ज़रा …….. ,