शिंगार आज तेरा मन को बड़ा लुभाता ,
जो भी झलक को देखे खुद को वो भूल जाता ,
शिंगार तेरे बाबा ………….,
सिर मोर का मुकुट है हीरा चमकता प्यारा ,
नज़रें तेरी कटारी करती हमें इशारा ,
चन्दन का लेप मुख पर कितना गज़ब है धाता ,
शिंगार तेरे बाबा ………….,
मुस्कान प्यारी प्यारी मन मोह लेगी मेरा,
बातें करूँ मैं तुमसे होता है मन ये मेरा ,
जाऊं मैं वारी वारी दिल भी मेरा ये कहता ,
शिंगार तेरे बाबा ………….,
गल हार सोहे सुन्दर गजरें हैं खूबसूरत ,
बस आप को निहारूं मुझको मिले ना फुर्सत,
इत्र की महके खुशबू मन खुद ही रीझ जाता ,
शिंगार तेरे बाबा ………….,
तेरे ठाठ हैं निराले तुम सेठ श्याम ऐसे,
जो देख ले दीवाना हो जाए तुम हो ऐसे ,
भावों की स्नेह मोती चरणों में हैं चढ़ाता ,
शिंगार तेरे बाबा ………….,
शिंगार आज तेरा मन को बड़ा लुभाता ,
जो भी झलक को देखे खुद को वो भूल जाता ,
शिंगार तेरे बाबा ………….,