तर्ज,सज रही गली मेंरी अम्मा
सजे हैं दूल्हे से बने हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,
प्यारे प्यारे होंठों पे प्यारी मुस्कान है ,
जिसने देखा एक बार हुआ कुर्बान है ,
सांवरे सलोने घनश्याम सजे हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,
सजे हैं दूल्हे से बने हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,
डूबे मन सबके बहाई रसधार है ,
बैठा बन ठन के हमारे दिलदार हैं ,
हाथों में है लीले की लगाम सजे हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,
सजे हैं दूल्हे से बने हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,
बाघा पचरंगी में हीरे मोती लाल हैं,
रूप है ग़ज़ब का तू लगता कमाल यही ,
कहता बेधड़क है मेरे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से,
सजे हैं दूल्हे से बने हैं दूल्हे से ,
पगड़ी सजाये सर पे श्याम सजे हैं दूल्हे से ,