तर्ज,तूं रंग शरबतों का
मेरे श्याम सलोने की दरबार की यही कहानी ,
जो दर जाए इसके वो दुनिया बने दीवानी ,
मेरे श्याम सलोने की …………….,
बाबा तुझे मन की बतिया रोज़ बतावा,
दर पे आके रोज़ सुणावां,
इससे आगे अब मैं क्या कहूं ,
मैंने तो बाबो से प्रेम के धागों से ,
बाँधा था रिश्ता प्यारा ,
मैं ना धन दौलत चाहूँ ,
और ना महलो को चाहूँ ,
दिल में बसल ले मुझको बाबा,
तू बनके खिवैया आ मेरी डगमग नैया डोले,
तू भवर से पार लगा मेरा दिल ये पल पल बोले ,
मुझे खुद से जोड़ ले तो मेरी दुनिया बने सुहानी ,
मेरे श्याम सलोने की …………….,
तेरी कृपा हो जाए जीवन मेरा तर जाए ,
फिर चिंता बाबा किस बात की,
लाखों को तारा बाबा कृपा की नज़रे डाली,
मुझको भी तारो दीनानाथ जी,
ज़रा हाथ बढ़ा बाबा दे अपनी कोई निशानी,
मैं तेरी दीवानी हूँ जग से थोड़ी बेगानी,
झूठे वादे ना दो ना इनमे आणि जानी,
मेरे श्याम सलोने की …………….,
तुझको जितना समझा है तुझको जितना जाना है ,
भक्तों के सर पर रखते हाथ जी,
मैंने क्या ज़्यादा माँगा वादों से तुमको बाँधा ,
साथी बना लो रखलो बात जी ,
जीवन की तमन्ना यही है तुमको इसे निभानी ,
तेरे भजन गाउन बाबा हो मेरी यही कहानी ,
बहकतों का साथ मिले हो सफल मेरी ज़िंदगानी ,
मेरे श्याम सलोने की …………….,
मेरे श्याम सलोने की दरबार की यही कहानी ,
जो दर जाए इसके वो दुनिया बने दीवानी ,
मेरे श्याम सलोने की …………….,