तर्ज,भर जोबन में नाव डूबगी
खाटू की नगरी में बैठा देव धणी मतवाला,
मोर छड़ी से खोल रहा वो बंद किस्मत का ताला ,
खाटू की नगरी में बैठा………………,
कलयुग का अवतारी माता अहिलवती का लाला ,
तेरे संग भी नाचेगा वो जग को नाचने वाला,
खाटू की नगरी में बैठा देव धणी मतवाला,
मोर छड़ी से खोल रहा वो बंद किस्मत का ताला ,
मैं तो इतना जानू मेरा श्याम से गहरा नाता ,
श्याम ही मेरा ईष्ट देव है श्याम ही भाग्य विधाता,
खाटू की नगरी में बैठा देव धणी मतवाला,
मोर छड़ी से खोल रहा वो बंद किस्मत का ताला ,
श्याम रंग में जबसे मेरे बाबा ने रंग डाला,
मोनिका तेरे भजनो से मुस्काये मुरलीवाला,
खाटू की नगरी में बैठा देव धणी मतवाला,
मोर छड़ी से खोल रहा वो बंद किस्मत का ताला ,