तर्ज -दुश्मन ना करे
कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
होता ना जिसका काम साड़ी कोशिशों के बाद ,
कोशिशों के बाद ………..,
मेरे श्याम ने खाटू से वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,
जिस आँख से दो बूँद निकल आएं गर कहीं ,
आएं गर कहीं ………,
अनमोल मोती समझ के स्वीकार किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,
विश्वास मिलता है यहाँ मैं साथ हूँ तेरे ,
साथ हूँ तेरे …………,
बेचैन मन को श्याम ने आराम दिया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,
जो रिश्ता बन गया है सांस अंत तक चले ,
अंत तक चले ………….,
तूने राजू पे बड़ा एहसान किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,
कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,