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श्याम भजन लिरिक्स

Kalyug me baba shyam ne wo kaam kiya hai,कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है ,जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है,shyam bhajan

कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,

तर्ज -दुश्मन ना करे

कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,

होता ना जिसका काम साड़ी कोशिशों के बाद ,
कोशिशों के बाद ………..,
मेरे श्याम ने खाटू से वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,

जिस आँख से दो बूँद निकल आएं गर कहीं ,
आएं गर कहीं ………,
अनमोल मोती समझ के स्वीकार किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,

विश्वास मिलता है यहाँ मैं साथ हूँ तेरे ,
साथ हूँ तेरे …………,
बेचैन मन को श्याम ने आराम दिया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,

जो रिश्ता बन गया है सांस अंत तक चले ,
अंत तक चले ………….,
तूने राजू पे बड़ा एहसान किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,
कलयुग में बाबा श्याम ने …………….,

कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है ,
जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है ,

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