तर्ज – सांवरियो बैठो है
फागणियो आयो रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो,
अपना ही प्रेमी से,
देखो आज डरग्यो सांवरो,
फागणियो आयों रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो।।
गली गली में घूम रहा हाँ,
हाथां ले पिचकारी,
हिम्मत है तो मंदिर बाहर,
आजा रे गिरधारी,
कोई पिछाने नाही ऐसी,
सूरत करदा थारी,
कहाँ बचेगो सांवरिया,
भक्ता री भीड़ है भारी,
भक्ता री भीड़ है भारी,
दोरो घबरायो रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो,
फागणियो आयों रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो।।
होली ऐसी खेलांगा,
देखेगी दुनिया सारी,
हाथ जोड़ ले कान पकड़ ले,
ना छोड़ा गिरधारी,
छूटे नाही जनम जनम तक,
ऐसो रंग लगावा,
राजी राजी बाहर आजा,
ज्यादा नहीं सतावा,
तने ज्यादा नहीं सतावा,
दोरो समझायो रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो,
फागणियो आयों रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो।।
भक्ता सारा रगड़ रगड़ कर,
कर दियो कालो पिलो,
कोई नहीं पिछाने जी अब,
कुण है श्याम रंगीलो,
कुण मैं हूँ और कुण तू है,
अब भेद मिट्यो है सारो,
यो की ऐसी होली खेली,
जनम सुधर ग्यो म्हारो,
और जनम सुधर ग्यो म्हारो,
म्हाने आनंद आ ग्यो रे,
खाटू में मिल गयो सांवरो।।
फागणियो आयों रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो,
अपना ही प्रेमी से,
देखो आज डरग्यो सांवरो,
फागणियो आयों रे,
मंदिर में बड़ग्यो सांवरो।।