तर्ज, इतना हसीन चेहरा
इतना सुंदर मुखड़ा उस पर ऐसा सिंगार। महके जूही और चंपा गेंदा बेला गुलनार। इन फूलों की महक से तेरा महक उठा दरबार।🌺🌺🌺🌺 क्या खूब लग रहे देखो फूलों में लखदातार।
तेरे मोर मुकुट का क्या कहना, केसों का बनाया जो गहना।फरियां जो लगी निराली है उस पर यह लट घुंघराली है। कानों में कुंडल चमके, चमके वो गले में हार।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तेरे पेंच भरे दो नैना, इसमें कजरे की धार। कजरारे नैनों पर मैं सदके जाऊं सरकार।क्या खूब लग रहे देखो फूलों में लखदातार।
इतना सुंदर मुखड़ा उस पर ऐसा सिंगार। महके जूही और चंपा गेंदा बेला गुलनार। इन फूलों की महक से तेरा महक उठा दरबार।🌺🌺🌺🌺 क्या खूब लग रहे देखो फूलों में लखदातार।
चेहरे पे सूरज की लाली है।मुस्कान अजब सी मतवाली है।दिल कहे नजर ना लग जाए।यह सोचके दिल है घबराए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺क्योंकि तुझ में खो जाता,जो आता है एकबार। सबको ही सहारा देता सबको करता है प्यार। मंद मंद मुस्काए देखो खाटू का सरकार। क्या खूब लग रहे देखो फूलों में लखदातार।
इतना सुंदर मुखड़ा उस पर ऐसा सिंगार। महके जूही और चंपा गेंदा बेला गुलनार। इन फूलों की महक से तेरा महक उठा दरबार।🌺🌺🌺🌺 क्या खूब लग रहे देखो फूलों में लखदातार।