तर्ज तुम्ही मेरे मंदिर
सुनो हे किशोरी मेरी लाड़ली जु, कृपा की नज़र हो कृपा की नज़र हो। हमें लो शरण में बरसाने वारी, दया की नज़र हो दया की नज़र हो। सुनों हे किशोरी मेरी लाड़ली जु।।
तेरे दर पे आए बड़ी आस लेकर, अपना बनालो राधे शरण हमको देकर।
कहीं अब ना जाए तुम्हे छोड़कर हम,यही पे बसर हो यही पे बसर हो,
सुनों हे किशोरी मेरी लाड़ली जु,
कृपा की नज़र हो कृपा की नज़र हो ।।
राधा नाम हमको लगे सबसे प्यारा। बहने लगी है मन में प्रेम रस धारा। रसिकों की प्यारी सुनलो डगर तेरे दर की।हमारी डगर हो हमारी डगर हो।
सुनों हे किशोरी मेरी लाड़ली जु, कृपा की नज़र हो कृपा की नज़र हो ।।
नाम राधिका लागे मिश्री से मीठा, सबसे निराला जग में बड़ा ही अनूठा। ‘चोखानी’ मांगे बस ये सुनो राधे रानी, झुका तेरे चरणों में हमारा ये सर हो।
सुनों हे किशोरी मेरी लाड़ली जु, कृपा की नज़र हो कृपा की नज़र हो।हमें लो शरण में बरसाने वारी, दया की नज़र हो दया की नज़र हो। सुनों हे किशोरी मेरी लाड़ली जु।।