शिव बोले सती तुम जाओ मती बाबुल की नगरिया रे।
पिता तुम्हारे ने यज्ञ रचाया, न्योता हमको ना भिजवाया। हम भी तो जाते खुशी से जो होती हमको खबरिया रे।
शिव बोले सती तुम जाओ मती बाबुल की नगरिया रे।
देव पिया वहां सभी पधारें, देख यज्ञ खुलें भाग्य हमारे। बिना बुलाए जाओ सती वहां होंगी बुराइयां रे।
शिव बोले सती तुम जाओ मती बाबुल की नगरिया रे।
नीति कह रही बिना बुलाए, मात पिता गुरु के घर जाए। धर्म कार्य में कैसे पिया बांधूं मैं सबरिया रे।
शिव भोले सती तुम जाओ मती बाबुल की नगरिया रे।