तर्ज, यह तो सच है कि भगवान है
लाखों सिर पे ये एहसान है चुकाना मुझसे ना आसान है ,
दिलदार तू दिल खोल कर मुझपे यूँ मेहरबान है ,
लाखों सिर पे ये एहसान है ……………,
कुछ तो है सरकार तेरी सरकारी में ,
यूं ही झुकती नहीं दुनिया सारी ये ,
बना दी अनमोल उनकी ज़िन्दगी तूने ,
हुए थे जो नीलाम तेरी यारी में ,
कोड़ी में भाव था जिनका उनका अमीर में नाम है ,
दिलदार तू दिल खोल कर मुझपे यूँ मेहरबान है ,
लाखों सिर पे ये एहसान है ……………,
पूजा जिसने सदा तेरी तस्वीर को ,
तूने दिया बदल उसकी तक़दीर को ,
जिस तन में प्रभु तेरा वास हो ,
और क्या चाहिए उस शरीर को ,
दिल में रखते है जो आपको उनकी तुझसे ही पहचान है ,
दिलदार तू दिल खोल कर मुझपे यूँ मेहरबान है ,
लाखों सिर पे ये एहसान है ……………,
रोशन हो गयी ये रूह जबसे तेरे हुए ,
दूर जीवन के सब ये अँधेरे हुए ,
कैसे छायेगा मुझपे गमो का साया ,
तेरी छाया है मुझको घेरे हुए ,
शर्मा गया संवर सांवरे तूने दिया जो वरदान है ,
दिलदार तू दिल खोल कर मुझपे यूँ मेहरबान है ,
लाखों सिर पे ये एहसान है ………..
लाखों सिर पे ये एहसान है चुकाना मुझपे ना आसान है ,
दिलदार तू दिल खोल कर मुझपे यूँ मेहरबान है ,
लाखों सिर पे ये एहसान है ……………,