कैसे मानूं गरीबों का तू है, कहलाता सेठों का सेठ तु है।
आश टूटी है मेरी कन्हैया, थाम लो आकर अब मेरी बैया। कैसे मानूं की गम खार तू है। हारे का आसरा तू ही तू है।
कैसे मानूं गरीबों का तू है, कहलाता सेठों का सेठ तु है।
गम ने रिश्ता है मुझसे यूं जोड़ा, हालतो ने कहीं का ना छोड़ा। कैसे मानूं मददगार तु है। बेसहारों की उम्मीद तू है।
कैसे मानूं गरीबों का तू है, कहलाता सेठों का सेठ तु है।
जिंदगी तुझको सौंपी सांवरिया, डाल दो प्यार की एक नजरिया। कैसे मानूं की पतवार तू है, नागर गरीबों का विश्वास तूं है।
कैसे मानूं गरीबों का तू है, कहलाता सेठों का सेठ तु है।