Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Darwar tera o shyam khushiyo ka khajana hai,दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है,shyam bhajan

दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है

दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है।


आया जो पहली बार,दर पर तेरे ओ श्याम
जग में चर्चा तेरी, सुन कर तेरा मैं नाम…
देखा जबसे तुझे श्याम, दिल तेरा दीवाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है।


दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है।


मस्ती जो बरस रही,मस्ती में मैं खोया
नाच उठा मेरा मन,जागा जो था सोया
भक्ति का दीप यह श्याम,घर-घर में जगाना है
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है.


दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है।


जहाँ दीप जगे आना,जगे ज्योति तुम्हारी श्याम
गुण गान करूँ तेरा, रस पान करूँ मैं श्याम…….
रस भक्ति का तुझे श्याम,हाथों से पिलाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है।


दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है।


एक बार नहीं कई बार,पीया न प्यास बुझे
बढ़ती ही यह जाये, जब-जब मैं देखुं तुझे
‘टीकम’ दे दर्शन श्याम,निश दिन दर आना है
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है।


दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है.

Leave a comment