तर्ज, गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर
मंदिर से निकल आ सांवरिया, फागण का रंग तोहै चढ जाएगा। रंग लाल गुलाबी केसरिया,रंगों से बागा भर जाएगा।रंग लाल गुलाबी केसरिया, भक्तों से बच कर कहां जाएगा।
में तुम्हे रंग डालूं,में दूर हूं तुम पास चले आओ। खेलनी है होली भरपूर मुझे हुजूर न तरसाओ। रंग रसिया मेरे मन बसिया, रंग रसिया मेरे मन बसिया, भक्तों से बच कर कहां जाएगा।
मंदिर से निकल आ सांवरिया, फागण का रंग तोहै चढ जाएगा। रंग लाल गुलाबी केसरिया,रंगों से बागा भर जाएगा।रंग लाल गुलाबी केसरिया, भक्तों से बच कर कहां जाएगा।
गर तेरे गालों पे पीला सा रंग थोड़ा सा पड़ जाए।अरे मोर मुकुट पे बाबा,पीला सा रंग थोड़ा सा पड़ जाए।तेरा रूप नशीला सांवरिया, तेरा रूप नशीला सांवरिया,रंगों से और निखर जाएगा।
मंदिर से निकल आ सांवरिया, फागण का रंग तोहै चढ जाएगा। रंग लाल गुलाबी केसरिया,रंगों से बागा भर जाएगा।रंग लाल गुलाबी केसरिया, भक्तों से बच कर कहां जाएगा।
हो फागुन मस्त महीना तेरा साल में एकबार ही आए।हो रंग ना खेलें तो सरकार दिल की दिल में रह जाए। रुत ये बसंती मस्तानी,रुत ये बसंती मस्तानी,मस्ती का आलम चढ़ जाएगा।
मंदिर से निकल आ सांवरिया, फागण का रंग तोहै चढ जाएगा। रंग लाल गुलाबी केसरिया,रंगों से बागा भर जाएगा।रंग लाल गुलाबी केसरिया, भक्तों से बच कर कहां जाएगा।