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श्याम भजन लिरिक्स

Man me baji shahnayi ke Fagan aaya hai,मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,shyam bhajan

मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,

मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,
फागण आया है, फागन तो आया है,

कार्तिक सुधी की ग्यारस, ज्यूँ ज्यूँ है बीती जाती,
चंग धमालों की गूँजे, कानों में रहे है आती,
सब प्रेमी नाचे है, संग श्याम भी नाचे है,
और मुख से बाजे है,
फागण आया है, फागन तो आया है,

मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,
फागण आया है, फागन तो आया है,

टिकट कटा लेते हैं, खाटू नगरियाँ जाते,
पैदल मिले रींगस से, श्याम निशान उठाते,
हम पैदल चलते हैं, नाम श्याम का जपते हैं,
और हिवड़े से कहते,
फागण आया है, फागन तो आया है,

मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,
फागण आया है, फागन तो आया है,

खाटू जो हम पहुंचे, दरबार में हम जाएं,
अपने बाबा को हम, होली का रंग लगाये,
हम निशान चढ़ाते हैं, वो किरपा बरसाते हैं,
हम मौज में गाते है,
फागण आया है, फागन तो आया है,

मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,
फागण आया है, फागन तो आया है,


फागण की वो बारस, जैसे ही नेड़े आती,पलकें भीगी भगत की,नजरें नीर मय बहाती,
हम अश्क बहाते हैं, तोरण द्वार पे आते हैं,
रोते ये अधर ये कह देते,
फागण बीता रे, फागण बीता रे,
फागण बीता रे, फागण बीता रे,

मन में बाजी शहनाई, के फागण आया है,
फागण आया है, फागन तो आया है,

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