तर्ज,चलत मुसाफिर मोह लिया
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
कान्हा की मुरलियाँ ये कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जब जब यमुना पे बाजे मुरलियाँ
मस्ती में छम छम नाची मुरलियाँ
लेहरो में मस्ती भर गई रे,कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
कान्हा की मुरलियाँ ये कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जब जब मधुवन में बाजी मुरलियाँ
फूलो पे ऐसे मँडरावे तितलियाँ
भवरो को पागल कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
कान्हा की मुरलियाँ ये कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जब जब पनघट पे बाजी मुरलियाँ
हो गई दीवानी सारी गुजारियाँ
सब को बे सुध कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
कान्हा की मुरलियाँ ये कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।
जब जब गोकुल में बाजी मुरलियाँ
धुन सुन कर हुई चन्दन भवरियाँ
नारी के दिल में उत्तर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ
कान्हा की मुरलियाँ ये कान्हा की मुरलियाँ
जादू टोना कर गई रे कान्हा की मुरलियाँ।