तर्ज,है प्रीत जहां की रीत सदा
श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम जय जय श्याम।
श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम जय जय श्याम।
सरकार हजारों दुनिया में पर खाटू सी सरकार नहीं। जहां भक्तों से पहले मिलते हैं, ऐसा केवल दरबार यही।
श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम जय जय श्याम।
जिसने है जितना जतन किया उसने उतना सुख पाया है। इतिहास गवाह है बाबा ने उनके जीवन को सजाया है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 यहां संयम रखने वालों की जाति मेहनत बेकार नहीं।जहां भक्तों से पहले मिलते हैं, ऐसा केवल दरबार यही।
श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम जय जय श्याम।
रिश्ते नाते भाई बंधु जब कोई काम नहीं आएंगे। उस वक्त मदद करने तेरी तब दौड़ श्याम ही आएंगे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 जो हार गया है इस दर पर उनकी होती कहीं हार नहीं।जहां भक्तों से पहले मिलते हैं, ऐसा केवल दरबार यही।
श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम जय जय श्याम।
भूखे ने निवाला पाया है और बांझ ने बाला पाया है। यहां फल पाया उसने वैसा जैसी वह नियत लाया है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बस अहम दिखाने वालों को, करते बाबा स्वीकार नहीं। जहां भक्तों से पहले मिलते हैं, ऐसा केवल दरबार यही।
श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम श्री श्याम जय श्याम जय जय श्याम।
सरकार हजारों दुनिया में पर खाटू सी सरकार नहीं। जहां भक्तों से पहले मिलते हैं, ऐसा केवल दरबार यही।