तर्ज, हमें और जीने की चाहत
जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,फिर ना किसिकी चाहत होगी।बार बार दिल पर आहट होगी।जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,
राहों में तेरी कांटे बिछे हैं, कोई कोई प्रेमी के यह तो चुभे है। उनके लबों पे ना शिकायत होगी।फिर ना किसिकी चाहत होगी।
जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,फिर ना किसिकी चाहत होगी।बार बार दिल पर आहट होगी।जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,
माया मिलेगी तो श्याम ना मिलेगा, देकर के माया दरसे दूर ये करेगा। उसे श्याम किसी की ना चाहत होगी।जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,
जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,फिर ना किसिकी चाहत होगी।बार बार दिल पर आहट होगी।जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,
ना जाने कितने भेष ये बनाता, ऐसे दीवानों के पीछे चला आता। श्याम को श्याम से ही राहत होगी। जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,
जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,फिर ना किसिकी चाहत होगी।बार बार दिल पर आहट होगी।जिसे श्याम तेरी चाहत होगी,