तर्ज,कौन कहते हैं भगवान आते नहीं
जगजननी तुम ही मां भवानी हो तुम, तुम ही दुर्गा हो मां अंबे रानी हो तुम। कौन कहते हैं दर ना बुलाती है मां। सबको संदेशे घर में भीजाती है मा।
कौन कहते हैं घर में ना आती है मां। नवरात्रों में घर खुशियां लाती है मां।
जगजननी तुम ही मां भवानी हो तुम, तुम ही दुर्गा हो मां अंबे रानी हो तुम।
कौन कहते हैं भोग ना खाती है मां। रूप कंजक का लेकर आती है मां।
जगजननी तुम ही मां भवानी हो तुम, तुम ही दुर्गा हो मां अंबे रानी हो तुम।
कौन कहते हैं सुनकर ना आती है मां। अपने भक्तों के भाग्य जगाती है मा।
जगजननी तुम ही मां भवानी हो तुम, तुम ही दुर्गा हो मां अंबे रानी हो तुम।
कौन कहते हैं क्रोध दिखाती है मां। अपने बच्चों पर ममता लुटाती है मां।
जगजननी तुम ही मां भवानी हो तुम, तुम ही दुर्गा हो मां अंबे रानी हो तुम।
कौन कहते हैं दर्शन ना देती है मां। अपने बच्चों की विपदा हर लेती है मां।
जगजननी तुम ही मां भवानी हो तुम, तुम ही दुर्गा हो मां अंबे रानी हो तुम।