तर्ज,बना के क्यों बिगाड़ा रे
मुरली वाले बंसी वाले,
छोड़ क्यों बेसहारा रे तूने हमको कन्हैया रे,मुरली वाले बंसी वाले,
खुद तू मथुरा चल गए हम को तन्हा छोड़ा क्यों,
आपने प्यारे राधा का तुमने प्यार भरा दिल तोडा क्यों,
रीति भुला दे तुमने सारे प्रेम कैसे था तुम्हारा
मुरली वाले बंसी वाले,
छोड़ क्यों बेसहारा रे तूने हम कन्हैया रे,मुरली वाले बंसी वाले,
पनघट शून्य ताल भी सुना शून्य वाला का आचल है।
तेरी मुरली धुन सुनने को गय्या भी व्याकुल है,
कब आओ ये तू बात तू रास्ता देखे तोरे मैया
मुरली वाले बंसी वाले,
छोड़ क्यों बेसहारा रे तूने हम कन्हैया रे,मुरली वाले बंसी वाले,
दिन सारा तेरी याद में बिता नैनो ने नींद गवाई दी,
लगता है हम को हम ने तुमसे छुटे आश बधाई है,
आँख से आँसू बहते जाते है नाम लेके तेरा,
मुरली वाले बंसी वाले,
छोड़ क्यों बेसहारा रे तूने हम कन्हैया रे,मुरली वाले बंसी वाले,
तेरे जुदाई जीने नहीं देंगे तेरी बिन किसे जिय,
तुम ने यह दिल तोड दिया दर्द बात किसी को कहे,
आजो तुम फिर गोकुल में राधा रो रो के कहे,
मुरली वाले बंसी वाले,
छोड़ क्यों बेसहारा रे तूने हम कन्हैया रे,मुरली वाले बंसी वाले,