मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,मुझे दे दर्शन गिरधारी रे।
तेरी सांवरी सूरत पै बारी रे।
जमुना तट हरि धेनु चरावै,
मधुर मधुर स्वर बैणु बजावे ।
ओ तेरी कांधे कांवरिया कारी रे ।।
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,मुझे दे दर्शन गिरधारी रे।
तेरी सांवरी सूरत पै बारी रे।
मोर मुकट पीताम्बर सोहे,
देख रूप मुनिगण मन मोहे ।
ओ तेरे कुण्डल की छवि न्यारी रे ।।
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,मुझे दे दर्शन गिरधारी रे।
तेरी सांवरी सूरत पै बारी रे।
वृन्दावन में रास रचावै,
गोप गोपिका संग मिल गावै ।
ओ तेरी नूपुर की धुन प्यारी रे ।।
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,मुझे दे दर्शन गिरधारी रे।
तेरी सांवरी सूरत पै बारी रे।
भक्त हेतु हरि रूप बनाया,
मेरा कन्हैय्या मेरे घर आया ।
ओ तेरे चरण कमल बलिहारी रे ।।
मुझे दर्शन दे गिरधारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,मुझे दे दर्शन गिरधारी रे।
तेरी सांवरी सूरत पै बारी रे।