एक बार तो कन्हैया,
हम जैसो से मिलो,
मिलना उसी का नाम है,
फुरसत से गर मिलो।।
आये नहीं कि चल दिये,
आना नहीं है ये,
आना तो उसका नाम है,
मिलकर जुदा ना हो,
इक बार तो कन्हैया,
हम जैसो से मिलो।।
माना की मुझमे भक्तों सी,
कोई कशिश नहीं,
एक बार प्यारे सांवरे,
इस दिल की भी सुनो,
इक बार तो कन्हैया,
हम जैसो से मिलो।।
नरसी के सेठ सांवरे,
मीरा के श्याम हो,
मुझको भी श्याम प्रेम में,
बाँधो की या बंधो,
इक बार तो कन्हैया,
हम जैसो से मिलो।।
मैंने तो प्रेम साँवरे,
तुमसे बढ़ा लिया,
‘दासी’ कन्हैया तुम भी तो,
आगे जरा बढ़ो,
इक बार तो कन्हैया,
हम जैसो से मिलो।।
एक बार तो कन्हैया,
हम जैसो से मिलो,
मिलना उसी का नाम है,
फुरसत से गर मिलो।।
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हम जैसो से मिलो,