बैठी बैठी घाटा मैं ,
जोगण्या लागै प्यारी ।
दूर – दूर आवे जातरी ,
नर ओर नारी ओ मैया ।।
दरशण कर सब दुखड़ा कटजा ,
आनंद आवे भारी ।।
बैठी बैठी घाटा में।
घेर घुमालों पैर घाघरो ,
औड़ कशुमल साड़ी ।
हाथो में त्रिशुल बिराजे ,
खड़ग खरपर धारी ।।
बैठी – बैठी घाटा में।
बैठी बैठी घाटा मैं ,
जोगण्या लागै प्यारी ।
दूर – दूर आवे जातरी ,
नर ओर नारी ओ मैया ।।
दरशण कर सब दुखड़ा कटजा ,
आनंद आवे भारी ।।
बैठी बैठी घाटा में।
ढोल नगांरा नोपत बाजे ,
माँदल थाली ।
झालर शंख घडियाला बाजे ,
टोकरां बाजे प्यारी ।।
बैठी – बैठी घाटा में,
बैठी बैठी घाटा मैं ,
जोगण्या लागै प्यारी ।
दूर – दूर आवे जातरी ,
नर ओर नारी ओ मैया ।।
दरशण कर सब दुखड़ा कटजा ,
आनंद आवे भारी ।।
बैठी बैठी घाटा में।
निर्धन ने धन देवे ,
दुखड़ा मेटे भारी ।
रोशन लाल थारी महीमा गावें ,
लाज रखज्यों मारी ।।
बैठी – बैठी घाटा में।
बैठी बैठी घाटा मैं ,
जोगण्या लागै प्यारी ।
दूर – दूर आवे जातरी ,
नर ओर नारी ओ मैया ।।
दरशण कर सब दुखड़ा कटजा ,
आनंद आवे भारी ।।
बैठी बैठी घाटा में।