तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धारा, शंकरा हे मेरे शंकरा।
तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धरा, शंकरा हे मेरे शंकरा।।
खाने को है कंद मूल पीने को भांग है
उड़ते रहते है बार बार बारी के तरंग है।।
कानो में कुण्डल सुन्दर सोहे गले नाग की माला शंकरा हे मेरे शंकरा,
कानो में कुण्डल सुन्दर सोहे गले नाग की माला शंकरा हे मेरे शंकरा।।
तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धरा, शंकरा हे मेरे शंकरा।
तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धरा शंकरा हे मेरे शंकरा।।
हाथो में त्रिशूल सोहे मस्तक पर चंद्र है
पहने है मृग छाला भोले नील कंठ रंग है।।
गोरी संग में साथ गणपति रहते है कैलाशा शंकरा हे मेरे शंकरा।
गोरी संग में साथ गणपति रहते है कैलाशा शंकरा हे मेरे शंकरा।।
तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धरा शंकरा हे मेरे शंकरा
तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धरा शंकरा हे मेरे शंकरा।।
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Teri jata se bahti rahti hai ganga ki dhara,तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धारा, शंकरा हे मेरे शंकरा,shiv bhajan
तेरी जटा से बहती रहते है गंगा की धारा, शंकरा हे मेरे शंकरा।