तेरे चरण कमल में श्याम, लिपट जाऊं रज बनके,
लिपट जाऊं रज बनके, लिपट जाऊं रज बनके।।
नित नित तेरा दर्शन पाऊं ,
हरसि हरसि के हरि गुण गाऊं।
मेरे नस नस बस जाओ श्याम, लिपट जाऊं रज बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम, लिपट जाऊं रज बनके।
छिन छिन तेरा सुमिरन होवे,
सब कुछ तुझपे अर्पण होवे।
सब दिन आठों याम, लिपट जाऊं रज बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम, लिपट जाऊं रज बनके।
श्याम सुन्दर से लगन है लागी,
प्रीति पुरानी मन में जागी।
अब आ गया तेरे धाम, लिपट जाऊं रज बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम, लिपट जाऊं रज बनके।
तेरे चरण कमल में श्याम, लिपट जाऊं रज बनके,
लिपट जाऊं रज बनके, लिपट जाऊं रज बनके।।